मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है
मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है ,
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है !
तीर – तलवार की क्या ज़रूरत है तुझे ऐ हसीन,
क़तल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है !!
Labels: hindi sayari


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