दर्द भी वही देते है जिन्हें
दर्द भी वही देते है जिन्हें
हक़ दिया जाता है , वरना ग़ैर तो
धक्का लगने पर भी माफ़ी माँग लेते हैं ..!!🙍♂️
Labels: hindi sad sayari, hindi sayari
समाज में व्यक्ति जीवन प्रति जो धारणा बनाता है या धारणा करता है वही धर्म है। धर्म संस्कृत के ''धृ'' धातु से बना है जिसका अर्थ है जो धारण किया जाये। जब क्या धारण किया जाये स्पष्ट हो जाये तो वह धर्म बन जाता है। धर्म एक प्रकार से कर्यव्य के द्वारा कुछ समाजोपयोगी तथा आत्मोपयेगी बातों या गुणों को धारण करना कहा जा सकता है।
दर्द भी वही देते है जिन्हें
हक़ दिया जाता है , वरना ग़ैर तो
धक्का लगने पर भी माफ़ी माँग लेते हैं ..!!🙍♂️
Labels: hindi sad sayari, hindi sayari
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home