2024/01/31

ना वो आ 🔸सके, ना हम कभी जा सके,

 ना वो आ 🔸सके, ना हम कभी जा सके,
ना दर्द दिल का किसी🔸 को सुना सके,
बस खामोश🔸 बैठे हैं उनकी यादों में,
ना उसने याद किया ना हम🔸 उसे भुला सकें।



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2024/01/28

[PDF] Valmiki Ramayan Hindi PDF | संपूर्ण वाल्मीकि रामायण हिंदी में

क्या आप हिंदी में Valmiki Ramayan PDF डाउनलोड करना चाहते है? तो बिलकुल सही जगह आये है। यहाँ गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा छपी संपूर्ण वाल्मीकि रामायण बुक दी है, जो पूरी तरह ओरिजिनल है।

[PDF] Valmiki Ramayan Hindi PDF | संपूर्ण वाल्मीकि रामायण हिंदी में

रामायण प्राचीन भारत का सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रभावशाली महाकाव्य है। जिसे महान कवि महर्षि वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में लिखा था। आगे चल कर कवी तुलसीदास ने रामायण को रामचरितमानस नाम से हिंदी रूप दिया।

सामान्य रूप से रामायण काव्य प्रभु राम के जीवन पर आधारित है। जिन्हे कही रचना अनुसार भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है। रामायण से हमें श्री राम द्वारा बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत देखने मिलती है।

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यहाँ इंटरनेट पर उपलब्ध सबसे अच्छी Valmiki Ramayan Book की PDF दी है। जिसे मात्र एक क्लिक द्वारा आप गूगल ड्राइव से डाउनलोड कर पाएंगे।

AuthorMaharshi Valmiki
Pages2621
Size46.5 MB
PublisherGita Press GP
LanguageHindi
ProviderBipin Kumar Yadav



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2024/01/27

मेरी बर्बादी कि कहानी मे तेरा भी नाम होगा ...

मेरी बर्बादी कि कहानी मे तेरा भी नाम 
                       होगा ...
क्युं करता है खुद पर गुरुर , एक दिन तेरा भी 
                         यहि अन्जाम होगा   !!
जिस तरह मुझे तबाह किया प्यार के
                     खंजर से ...
याद रखना मुझसे भी बद्तर तेरा खुशिया 
             तमाम होगा !!!! 

      
BIPIN-P


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2024/01/26

भुला कर ये दुनिया मै तेरा होना चाह्ता हुँ ,

 भुला कर  ये दुनिया मै तेरा होना चाह्ता हुँ ,
तु चन्द है अगर तो मै अन्धेरा होना चाह्ता  हुँ !

                                जो हर रात के बाद तेरा साथ शुरु हो ....
                                  मै ओ सवेरा होना चहता हुँ 

कभी अजमा कर देख मुझे ,
खुद से ज्यादा मै तेरा होना चहता हुँ !! 


BIPIN-P


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पुनिता नामका मतलब और राशि - Punita name meaning aur rashi in hindi

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2024/01/24

जय श्री राम

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कतेक दुर है सपना हकिक्कत के आगे

 कतेक दुर है सपना हकिक्कत के आगे ,
कतेक वेबस है इन्सान किस्म्मत के आगे !


कोइ हमर रुकल धड़कन से पुछु ,
कतेक तड़पईय दिल प्यार के आगे !! 😂😂  


Bipin-P


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2024/01/23

सुन नै सकी छि बुराइ आहाके

 सुन नै सकी छि बुराइ आहाके ,

हरपल चाहि छि भलाइ अहाके !

हस्ते हस्ते खैस परिय आँख स नोर ,

एन क सहि छि जुदाई अहाके !!



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2024/01/22

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,

 उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है !!

दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!!




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2024/01/21

जय श्री राम श्लोक हिंदी अर्थ सहित

  आदियोगी के इस अंक में जय श्री राम श्लोक हिंदी अर्थ सहित प्रस्तुत हैं। रामचंद्र जी का नाम                              समस्त इच्छाओं की पूर्ति। और सम्पूर्ण सुखों को देने वाला है।

जय श्री राम श्लोक Jai shree ram quotes
Jay shri ram quotes in sanskrit

अखिल ब्रह्माण्ड के नायक, कौशिल्या नंदन, राजाधिराज, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की कृपा आपके परिवार पर सदैव वनी रहे।                





                                   “राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।

                                        सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने ।।”

                                                                                                                           – जय श्री राम

अर्थ – शिवजी ने माँ गौरा से कहा, हे पार्वती..! राम जी का नाम एकबार लेना भगवान विष्णु के सहस्रनाम के बराबर है। इसलिए मैं सदैव राम जी के नाम का ध्यान करता हूँ।

“रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।”

– जय श्री राम


भावार्थ- राम जी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं। वे साधू एवं पराक्रमी हैं। जैसे देवगणों के राजा इंद्र हैं। वैसे ही प्रभु श्री राम हम सब के राजाधिराज हैं।


“भर्जनं भवबीजानां अर्जनं सुखसंपदां।
तर्जनं यमदूतानाम राम रामेति गर्जनं।।”

– जय श्री राम

अर्थात- सम्पूर्ण ब्राह्मण के नायक रामचंद्र जी का पवित्र नाम। दुख के बीज को भी जलाकर राख कर देता है। उनका नाम लेने से इस लोक में और उस लोक में सुखों की प्राप्ति होती है।


“माता रामो मत्पिता रामचन्द्र:।
स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्र :।।
सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं।
जाने नैव जाने न जाने।।”

– श्री राम स्मरण
अर्थ- अखिल ब्रह्माण्ड नायक प्रभू श्रीराम ही मेरे माता पिता हैं, मेरे स्वामी और सखा हैं।परम करुणा वरुणालय राघवेंद्र सरकार ही मेरे सर्वस्व हैं।

नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम्
पीनवृत्त महाबाहुं सर्वशत्रुनिवारणम् ।।”

– श्लोक गंगा
भावार्थ-  मैं उस दूत हनुमान को प्रणाम करता हूँ, जिसने राम को प्रसन्न किया। जो देवों की मनोकामना पूर्ण कर देने वाला कल्पवृक्ष है। जिसकी लंबी भुजाएँ हैं, जो सभी शत्रुओं को दूर भगाता है।

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श्रीराम जी के 108 नाम (108 Names of Shree Ram Ji in Hindi)

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जय श्री राम दोस्तों, ‘राम’ यह शब्द दिखने में जितना सुन्दर है, इसका उच्चारण, उससे कहीं महत्वपूर्ण है। राम कहने मात्र से शरीर और मन में अलग ही तरह की प्रतिक्रिया होती है जो हमें आत्मिक शांति देती है। हिन्दू धर्म के चार आधार स्तंभों में से एक प्रभु श्रीराम जी हैं।

भगवान राम को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार हैं। रामायण की रचना सर्वप्रथम महर्षि वाल्मीकि ने की थी।

उसके बाद से विभिन्न विभूतियों ने विभिन्न भाषाओं में रामायण की रचना की है, जिसमें तुलसीदास कृत रामचरितमानसराम सबसे प्रसिद्ध है। हिंदुओं के लिए अयोध्‍या और भगवान राम सबसे बड़े आस्‍था के केंद्र हैं।

भगवान श्री राम ने एक आदर्श चरित्र प्रस्तुत कर समाज को एक सूत्र में बांधा था। प्रभु श्रीराम जी भारत की आत्मा है।

भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। ऐसा माना जाता है कि रामनवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था।

इस बार 2024 में राम नवमी 17 अप्रैल दिन बुधवार को मनाया जाएगा। नीचे लिस्ट में प्रभु श्रीराम जी के 108 नाम (108 names of shree Ram) दिए गए हैं।

श्रीराम जी के 108 नाम (108 names of Shree Ram in Hindi)

क्रमांकश्रीराम के नामनाम का अर्थ
1श्रीरामजिनमें योगीजन रमण करते हैं
2रामचन्द्रचंद्रमा के समान आनन्दमयी एवं मनोहर राम
3रामभद्रकल्याणमय राम
4शाश्वतसनातन राम
5राजीवलोचनकमल के समान नेत्रोंवाले
6श्रीमान् राजेन्द्रश्री सम्पन्न राजाओं के भी राजा, चक्रवर्ती सम्राट
7रघुपुङ्गवरघुकुल में श्रेष्ठ
8जानकीवल्लभजनककिशोरी सीता के प्रियतम
9जैत्रविजयशील
10जितामित्रशत्रुओं को जीतनेवाला
11जनार्दनसम्पूर्ण मनुष्यों द्वारा याचना करने योग्य
12विश्वामित्रप्रियविश्वामित्रजी के प्रियतम
13जितेंद्रायेविजेताओं का स्वामी, जो इन्द्र को जीत सकते हैं
14शरण्यत्राणतत्परशरणागतों के रक्षा में तत्पर
15बालिप्रमथनबालि नामक वानर को मारनेवाले
16वाग्मीअच्छे वक्ता
17सत्यवाक्सत्यवादी
18सत्यविक्रमसत्य पराक्रमी
19सत्यव्रतसत्य का दृढ़ता पूर्वक पालन करनेवाले
20व्रतफलसम्पूर्ण व्रतों के प्राप्त होने योग्य फलस्वरूप
21सदा हनुमदाश्रयहनुमानजी के ह्रदयकमल में निवास करनेवाले
22कौसलेयकौसल्याजी के पुत्र
23खरध्वंसीखर नामक राक्षस का नाश करनेवाले
24विराधवध-पण्डितविराध नामक दैत्य का वध करने में कुशल
25विभीषण-परित्राताविभीषण के रक्षक
26दशग्रीवशिरोहरदशशीश रावण के मस्तक काटनेवाले
27सप्ततालप्रभेतासात ताल वृक्षों को एक ही बाण से बींध डालनेवाले
28हरकोदण्ड- खण्डनजनकपुर में शिवजी के धनुष को तोड़नेवाले
29जामदग्न्यमहादर्पदलनपरशुरामजी के महान अभिमान को चूर्ण करनेवाले
30ताडकान्तकृतताड़का नामवाली राक्षसी का वध करनेवाले
31वेदान्तपारवेदान्त के पारंगत विद्वान अथवा वेदांत से भी अतीत
32वेदात्मावेदस्वरूप
33भवबन्धैकभेषजसंसार बन्धन से मुक्त करने के लिये एकमात्र औषधरूप
34दूषणप्रिशिरोsरिदूषण और त्रिशिरा नामक राक्षसों के शत्रु
35त्रिमूर्तिब्रह्मा,विष्णु और शिव- तीन रूप धारण करने वाले
36त्रिगुणत्रिगुणस्वरूप अथवा तीनों गुणों के आश्रय
37त्रयीतीन वेदस्वरूप
38त्रिविक्रमजिसका तीन प्रगति पूरी दुनिया को कवर किया
39त्रिलोकात्मातीनों लोकों के आत्मा
40पुण्यचारित्रकीर्तनजिनकी लीलाओं का कीर्तन परम पवित्र हैं
41त्रिलोकरक्षकतीनों लोकों की रक्षा करने वाले
42धन्वीधनुष धारण करनेवाले
43दण्डकारण्यवासकृत्दण्डकारण्य में निवास करनेवाले
44अहल्यापावनअहल्याको पवित्र करनेवाले
45पितृभक्तपिता के भक्त
46वरप्रदवर देनेवाले
47जितेन्द्रियइन्द्रियों को काबू में रखने वाले
48जितक्रोधक्रोध को जीतने वाले
49जितलोभलोभ की वृत्ति को परास्त करनेवाले
50जगद्गुरुअपने आदर्श चरित्रों से सम्पूर्ण जगत् को शिक्षा देने वाले
51ऋक्षवानरसंघातीवानर और भालुओं की सेना का संगठन करने वाले
52चित्रकूट– समाश्रयवनवास के समय चित्रकूट पर्वत पर निवास करनेवाले
53जयन्तत्राणवरदजयन्त के प्राणों की रक्षा करके उसे वर देनेवाले
54सुमित्रापुत्र- सेवितसुमित्रानन्दन लक्ष्मण के द्वारा सेवित
55सर्वदेवाधिदेवसम्पूर्ण देवताओं के भी अधिदेवता
56मृतवानरजीवनमरे हुए वानरों को जीवित करनेवाले
57मायामारीचहन्तामारीच नामक राक्षस का वध करने वाले
58महाभागमहान सौभाग्यशाली
59महाभुजबड़ी- बड़ी बाँहोंवाले
60सर्वदेवस्तुतसम्पूर्ण देवता जिनकी स्तुति करते हैं
61सौम्यशांतस्वभाव
62ब्रह्मण्यब्राह्मणों के हितैषी
63मुनिसत्तममुनियों मे श्रेष्ठ
64महायोगीसम्पूर्ण योगों के अधीष्ठान होने के कारण महान योगी
65महोदरपरम उदार
66सुग्रीवस्थिर-राज्यपदसुग्रीव को स्थिर राज्य प्रदान करनेवाले
67सर्वपुण्याधिकफलप्रदसमस्त पुण्यों के उत्कृष्ट फलरूप
68स्मृतसर्वाघनाशनस्मरण करनेमात्र से ही सम्पूर्ण पापों का नाश करनेवाले
69आदिपुरुषकिसी वंश या साम्राज्य की पहली कड़ी
70महापुरुषसमस्त पुरुषों मे महान
71परमपुरुषसर्वोत्कृष्ट पुरुष
72पुण्योदयपुण्य को प्रकट करनेवाले
73महासारसर्वश्रेष्ठ सारभूत परमात्मा
74पुराणपुरुषोत्तमपुराणप्रसिद्ध क्षर-अक्षर पुरुषों से श्रेष्ठ लीलापुरुषोत्तम
75स्मितवक्त्रजिनके मुखपर सदा मुस्कान की छटा छायी रहती है
76मितभाषीकम बोलने वाले
77पूर्वभाषीपूर्ववक्ता
78राघवरघुकुल में अवतीर्ण
79अनन्तगुण गम्भीरअनन्त कल्याणमय गुणों से युक्त एवं गम्भीर
80धीरोदात्तगुणोत्तरधीरोदात्त नायकके लोकोतर गुणों से युक्त
81मायामानुषचारित्रअपनी मायाका आश्रय लेकर मनुष्योंकी-सी लीलाएँ करनीवाले
82महादेवाभिपूजितभगवान शंकर के द्वारा निरन्तर पूजित
83सेतुकृतसमुद्रपर पुल बाँधनेवाले
84जितवारीशसमुद्र को जीतने वाले
85सर्वतीर्थमयसर्वतीर्थस्वरूप
86हरिपाप-ताप को हरनेवाले
87श्यामाङ्गश्याम विग्रहवाले
88सुन्दरपरम मनोहर
89शूरअनुपम शौर्यसे सम्पन्न वीर
90पीतवासापीताम्बरधारी
91धनुर्धरधनुष धारण करने वाले
92सर्वयज्ञाधिपसम्पूर्ण यज्ञों के स्वामी
93यज्ञयज्ञ स्वरूप
94जरामरणवर्जितबुढ़ापा और मृत्यु से रहित
95शिवलिंगप्रतिष्ठातारामेश्वर नामक ज्योतिर्लिंग की स्थापना करनेवाले
96सर्वाघगणवर्जितसमस्त पाप-राशियों से रहित
97सच्चिदानन्दविग्रहसत्, चित् और आनन्द के स्वरूप का निर्देश कराने वाले
98परं ज्योतिपरम प्रकाशमय,परम ज्ञानमय
99परं धामसर्वोत्कृष्ट तेज अथवा साकेतधामस्वरूप
100पराकाशत्रिपाद विभूतिमें स्थित परमव्योम नामक वैकुण्ठधामरूप
101परात्परपर- इन्द्रिय, मन, बुद्धि आदि से भी परे परमेश्वर
102परेशसर्वोत्कृष्ट शासक
103पारगसबको पार लगाने वाले
104पारसबसे परे विद्यमान
105सर्वभूतात्मकसर्वभूतस्वरूप
106परमात्मापरम आत्मा
107रामचन्द्रचाँद की तरह नेक
108शिवपरम कल्याणमय




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