उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है !!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!!
Labels: hindi sad sayari



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