भगवान श्री राम जी ( 2024/01/22 ) प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या

 श्रीराम, ब्रह्मा जी के पुत्र दरीची, दरीची के पुत्र महर्षि कश्यप के वंश से जो सूर्यवंश हुआ उसी के इक्षवा कुल में श्री राम का जन्म हुआ इन्हें रामचंद्र भी कहते हैं, रामायण के अनुसार,महाराज दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।


वे भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीराम का जन्म वैवस्वत मन्वंतर में 23 वे चतुर्युग के त्रेता में हुआ था । उन्होंने करीब 11000 वर्ष अयोध्या का शासन किया था , श्री राम विश्वामित्र के साथ यज्ञ की रक्षा के लिए छोटे भाई लक्ष्मण के साथ गए और ताड़का आदि राक्षस मारे उसके बाद गुरु के साथ राजा जनक के यहां उनकी पुत्री सीता के स्वयंवर में पहुंच कर शिव के धनुष को तोड़ सीता से विवाह किया, जब उन्होंने अगला राजा बनाया जा रहा था तब उनके पिता के वचन के लिए 14 वर्ष वनवास जाना हुआ जहां पर लक्ष्मण ने शुर्पनखा के नाक कान काट दिए और उसके भाई खर दूषण का राम ने वध कर दिया माता सीता का अपहरण रावण द्वारा किया गया जिसकी खोज में जटायु पक्षी जो बात करता था जिसने रावण का प्रतिकार किया था का पिता के समान अंत्येष्ठि संस्कार किया आगे हनुमान सुग्रीव से मिले सुग्रीव ले भाई बाली का वध कर सुग्रीव को राजा बनाया हनुमान ने माता सीता की खोज की रावण के भाई विभीषण को शरण दी रावण और इसके 1लाख से अधिक पुत्र डेढ़ लाख से अधिक पौत्र को कुंभकरण ,मेघनाद सहित मार गिराए , रामेश्वर में शिवलिंग स्थापित किया जो की ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध हैं नवरात्रि शक्ति की पूजा की समुद्र पर पुल बनाया और रावण को विभीषण के द्वारा अबताए रहस्य से जान कर मार गिराया पुष्पक विमान ले माता सीता को अग्नि परीक्षा करा लेकर शीघ्र भारत भैया के पास अयोध्या पहुंचे मेंषि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी।लेखक गोस्वामी तुलसीदास ने भी उनके जीवन पर केन्द्रित भक्तिभावपूर्ण सुप्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानस की रचना की थी। इन दोनों के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में भी रामायण की रचनाएँ हुई हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। स्वामी करपात्री ने रामायण मीमांसा में विश्व की समस्त रामायण का लेखा हैं , दक्षिण के क्रांतिकारी पेरियार रामास्वामी व ललई सिंह की रामायण भी मान्यताप्राप्त है। भारत में श्री राम अत्यन्त पूजनीय हैं और आदर्श पुरुष हैं तथा विश्व के कई देशों में भी श्रीराम आदर्श के रूप में पूजे जाते हैं

 जैसे नेपालथाईलैण्डइण्डोनेशिया आदि । इन्हें पुरुषोत्तम शब्द से भी अलंकृत किया जाता है। इनका परिवार, आदर्श थाईलैंडी परिवार का प्रतिनिधित्व करता है। रामरघुकुल क्षत्रिय में जन्मे थे, जिसकी परम्परा रघुकुल रीति सदा चलि आई प्राण जाई पर बचन न जाई[1] की थी। ब्राह्मणों के अनुसार राम न्यायप्रिय थे। उन्होंने बहुत अच्छा शासन किया, इसलिए लोग आज भी अच्छे शासन को रामराज्य की उपमा देते हैं। इनके दो पुत्रों कुश व लव ने इनके राज्यों अयोध्या और कोशलपुर को संभाला।


वैदिक धर्म के कई त्योहार, जैसे दशहराराम नवमी और दीपावली, श्रीराम की वन-कथा से जुड़े हुए हैं। रामायण भारतीयों के मन में बसता आया है, और आज भी उनके हृदयों में इसका भाव निहित है। भारत में किसी व्यक्ति को नमस्कार करने के लिए राम राम, जय सियाराम जैसे शब्दों को प्रयोग में लिया जाता है। ये भारतीय संस्कृति के आधार हैं।। राम और कृष्ण दोनो ही विष्णु का अवतार हैं अतः ये दोनो एक ही हैं।


जय श्री राम




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