आदियोगी के इस अंक में जय श्री राम श्लोक हिंदी अर्थ सहित प्रस्तुत हैं। रामचंद्र जी का नाम समस्त इच्छाओं की पूर्ति। और सम्पूर्ण सुखों को देने वाला है।

अखिल ब्रह्माण्ड के नायक, कौशिल्या नंदन, राजाधिराज, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की कृपा आपके परिवार पर सदैव वनी रहे।
“राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सह्स्रनाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने ।।”
– जय श्री रामअर्थ – शिवजी ने माँ गौरा से कहा, हे पार्वती..! राम जी का नाम एकबार लेना भगवान विष्णु के सहस्रनाम के बराबर है। इसलिए मैं सदैव राम जी के नाम का ध्यान करता हूँ।
“रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
– जय श्री राम
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।”
भावार्थ- राम जी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं। वे साधू एवं पराक्रमी हैं। जैसे देवगणों के राजा इंद्र हैं। वैसे ही प्रभु श्री राम हम सब के राजाधिराज हैं।
“भर्जनं भवबीजानां अर्जनं सुखसंपदां।
– जय श्री राम
तर्जनं यमदूतानाम राम रामेति गर्जनं।।”
अर्थात- सम्पूर्ण ब्राह्मण के नायक रामचंद्र जी का पवित्र नाम। दुख के बीज को भी जलाकर राख कर देता है। उनका नाम लेने से इस लोक में और उस लोक में सुखों की प्राप्ति होती है।
“माता रामो मत्पिता रामचन्द्र:।
– श्री राम स्मरण
स्वामी रामो मत्सखा रामचन्द्र :।।
सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालुर्नान्यं।
जाने नैव जाने न जाने।।”
अर्थ- अखिल ब्रह्माण्ड नायक प्रभू श्रीराम ही मेरे माता पिता हैं, मेरे स्वामी और सखा हैं।परम करुणा वरुणालय राघवेंद्र सरकार ही मेरे सर्वस्व हैं।
“नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम्
– श्लोक गंगा
पीनवृत्त महाबाहुं सर्वशत्रुनिवारणम् ।।”
भावार्थ- मैं उस दूत हनुमान को प्रणाम करता हूँ, जिसने राम को प्रसन्न किया। जो देवों की मनोकामना पूर्ण कर देने वाला कल्पवृक्ष है। जिसकी लंबी भुजाएँ हैं, जो सभी शत्रुओं को दूर भगाता है।
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